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स्लिप डिस्क: कारण, लक्षण और उपचार

Slip Disc | Shantilal Hospital

स्लिप डिस्क: कारण, लक्षण और उपचार

स्लिप डिस्क, जिसे “हर्निएटेड डिस्क” या “प्रोलैप्स्ड डिस्क” भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी के बीच में मौजूद नरम जेल जैसी सामग्री अपनी जगह से खिसक जाती है और नर्व्स पर दबाव डालने लगती है। यह समस्या सामान्यतः कमर और गर्दन में अधिक देखी जाती है, लेकिन यह रीढ़ की किसी भी हिस्से में हो सकती है। स्लिप डिस्क से पीड़ित व्यक्ति को तीव्र दर्द, सुन्नता और कमजोरी का अनुभव हो सकता है, जो दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।

स्लिप डिस्क क्या है?

रीढ़ की हड्डी में कुल 33 कशेरुकाएं (vertebrae) होती हैं, जो एक-दूसरे से डिस्क द्वारा अलग होती हैं। ये डिस्क कुशन की तरह कार्य करती हैं और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाती हैं। प्रत्येक डिस्क में एक नरम केंद्र (nucleus pulposus) होता है, जिसे एक मजबूत बाहरी आवरण (annulus fibrosus) द्वारा घेरा गया होता है। जब डिस्क का यह नरम केंद्र अपनी जगह से खिसक जाता है और बाहरी आवरण से बाहर निकलने लगता है, तो इसे स्लिप डिस्क कहा जाता है। यह स्थिति नर्व रूट्स पर दबाव डाल सकती है, जिससे दर्द और अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं।

स्लिप डिस्क के कारण

स्लिप डिस्क कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  1. आयु संबंधी बदलाव: उम्र बढ़ने के साथ-साथ डिस्क की लचीलेपन और जल सामग्री में कमी आने लगती है, जिससे डिस्क कमजोर हो जाती है और स्लिप होने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. मोटापा: अधिक वजन होने पर रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे डिस्क के खिसकने की संभावना बढ़ जाती है।
  3. असामान्य या भारी उठान: गलत तरीके से भारी वजन उठाना या अत्यधिक शारीरिक श्रम करने से डिस्क पर अचानक दबाव पड़ सकता है, जिससे स्लिप डिस्क हो सकती है।
  4. अनुवांशिकता: यदि परिवार में किसी को स्लिप डिस्क की समस्या रही है, तो यह आनुवंशिक कारणों से आगे भी हो सकती है।
  5. दुर्घटना या चोट: रीढ़ की हड्डी में किसी दुर्घटना या चोट के कारण भी डिस्क खिसक सकती है।

स्लिप डिस्क के लक्षण

स्लिप डिस्क के लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन सामान्यतः इसके लक्षण निम्नलिखित होते हैं:

  1. कमर या गर्दन में दर्द: स्लिप डिस्क के कारण उत्पन्न दर्द अक्सर कमर या गर्दन में होता है और यह दर्द अचानक शुरू हो सकता है।
  2. सुन्नता या झुनझुनी: स्लिप डिस्क के कारण नर्व्स पर दबाव पड़ने से प्रभावित क्षेत्र में सुन्नता या झुनझुनी हो सकती है।
  3. कमजोरी: स्लिप डिस्क के कारण मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है, जिससे उठने-बैठने या चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है।
  4. दर्द का फैलाव: यह दर्द रीढ़ की हड्डी से जुड़ी नर्व्स के माध्यम से पैरों या हाथों में फैल सकता है। उदाहरण के लिए, यदि स्लिप डिस्क कमर में है, तो यह दर्द पैरों तक जा सकता है, जिसे आमतौर पर “साइटिका” कहा जाता है।
  5. गतिशीलता में कमी: स्लिप डिस्क के कारण रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता में कमी आ सकती है, जिससे दैनिक कार्यों में परेशानी हो सकती है।

स्लिप डिस्क का निदान

स्लिप डिस्क का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास की जांच करेंगे। इसके बाद निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:

  1. शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपकी रीढ़ की हड्डी की स्थिति और नर्व्स पर दबाव का आकलन करने के लिए शारीरिक परीक्षण करेंगे।
  2. एमआरआई (MRI): यह परीक्षण डिस्क और नर्व्स की स्थिति का सटीक आकलन करने के लिए किया जाता है।
  3. सीटी स्कैन (CT Scan): यदि एमआरआई संभव नहीं हो पाता है, तो सीटी स्कैन का उपयोग किया जा सकता है।
  4. एक्स-रे (X-Ray): हालांकि एक्स-रे स्लिप डिस्क का निदान करने में उतना प्रभावी नहीं होता, लेकिन यह रीढ़ की हड्डी की संरचना और स्थिति को जांचने में सहायक हो सकता है।

स्लिप डिस्क का उपचार

स्लिप डिस्क का उपचार उसकी गंभीरता और लक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार के विभिन्न विकल्प निम्नलिखित हैं:

  1. आराम और गतिविधि में संशोधन: शुरुआत में, आपको आराम करने और ऐसी गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है जो आपके दर्द को बढ़ा सकती हैं। इसके साथ ही, डॉक्टर आपको सही तरीके से उठने-बैठने और चलने के लिए सुझाव देंगे।
  2. दर्द निवारक दवाएं: दर्द और सूजन को कम करने के लिए नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) या अन्य दर्द निवारक दवाएं दी जा सकती हैं।
  3. फिजियोथेरेपी: फिजियोथेरेपी के माध्यम से रीढ़ की हड्डी की स्थिति को सुधारने और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए विभिन्न व्यायाम कराए जाते हैं।
  4. इंजेक्शन थेरेपी: गंभीर मामलों में, डॉक्टर प्रभावित क्षेत्र में कोर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन दे सकते हैं, जिससे सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
  5. सर्जरी: यदि उपरोक्त उपचार से राहत नहीं मिलती या लक्षण अत्यधिक गंभीर होते हैं, तो सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। सर्जरी के विभिन्न विकल्पों में माइक्रोडिस्केक्टॉमी और लम्बर डिस्केक्टॉमी शामिल हैं, जिनमें खिसकी हुई डिस्क के हिस्से को हटाया जाता है।

स्लिप डिस्क से बचाव के उपाय

स्लिप डिस्क से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ अपनाई जा सकती हैं:

  1. सही तरीके से वजन उठाएं: वजन उठाते समय हमेशा घुटनों को मोड़ें और पीठ को सीधा रखें।
  2. स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक वजन से बचने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम का पालन करें।
  3. रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाएं: पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करें।
  4. सही मुद्रा अपनाएं: बैठते या खड़े होते समय सही मुद्रा बनाए रखें और लंबे समय तक एक ही स्थिति में न रहें।
  5. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान करने से रीढ़ की हड्डी में रक्त का प्रवाह कम हो सकता है, जिससे डिस्क में क्षति की संभावना बढ़ जाती है।

स्लिप डिस्क के साथ जीवन

स्लिप डिस्क के साथ जीवन जीना कठिन हो सकता है, खासकर जब यह दर्द और गतिशीलता को प्रभावित करता है। हालांकि, सही उपचार और देखभाल से आप अपने जीवन की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं। सही उपचार योजना और जीवनशैली में बदलाव के साथ, अधिकांश लोग अपनी पुरानी गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।

निष्कर्ष

स्लिप डिस्क एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है, जो व्यक्ति की जीवनशैली को प्रभावित कर सकती है। इसका सही समय पर निदान और उपचार करना अत्यंत आवश्यक है ताकि दीर्घकालिक जटिलताओं से बचा जा सके। हैदराबाद के शांतीलाल अस्पताल में स्लिप डिस्क के उपचार के लिए विशेषज्ञ देखभाल और विस्तृत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो आपको शीघ्र स्वस्थ होने में मदद कर सकती हैं।

अधिक जानकारी के लिए या परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए, शांतीलाल अस्पताल से संपर्क करें: 073610 89108।

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